शेखपुरा जिले में स्थित गिरिहिंडा पहाड़ पर बाबा कामेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, जो इसे क्षेत्र में विशेष स्थान दिलाता है।
गिरिहिंडा पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर शिवभक्तों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। यहां स्थित शिवलिंग की पूजा करने के लिए हर वर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं। महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है। माना जाता है कि बाबा कामेश्वर नाथ की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
गिरिहिंडा पहाड़ पर पहुंचने के लिए लगभग 400 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी होती है। चढ़ाई के दौरान प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति का अनुभव कराता है। पहाड़ की चोटी से पूरे क्षेत्र का विहंगम दृश्य दिखाई देता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
इस मंदिर की ऐतिहासिक मान्यता भी गहरी है। कहा जाता है कि इसका निर्माण कई शताब्दियों पूर्व हुआ था और इसे स्थानीय राजाओं ने विकसित किया। वर्तमान में स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों द्वारा मंदिर की देखभाल और संरक्षण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
हालांकि, यहां तक पहुंचने के लिए बेहतर सड़क और सुविधा बहाल हो चुकी है। फिर भी, श्रद्धालुओं की अटूट आस्था इस स्थान को निरंतर जीवंत बनाए रखती है।
गिरिहिंडा पहाड़ पर स्थित बाबा कामेश्वर नाथ का यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। इसके संरक्षण और विकास से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह स्थल और भी आकर्षक बन सकेगा।
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